Tuesday, September 14, 2010

किसके राम


बड़ी हाय तौबा मची है भाई, फिर से नेताओ के दिन बहुरने वाले है। अयोध्या मसले में फैसले की घडी क्या आई लगे लोग कमर कसने। जिन्हें इस वक्त को भुनाना है उनकी तो वो जाने लेकिन अधिसंख्य जनता तो सहमी हुई है। लोगो को लगने लगा है कि न जाने क्या होगा। क्या पता फिर कितने दिनों तक का कर्फ्यू लगे, न जाने संभावित द्नागे में कितनी जाने जाये। असल तस्वीर जननी हो तो पता करिए कि सफ़र कि कितनी टिकटे और न जाने कितने काम को लोगो ने मारे डर के टाल दिया है। मगर हौवा खड़ा करने वालो को क्या फर्क पड़ता है। आखिर भगवन राम है किसके माहौल को भुनाने में लगे चंद मुठी भर लोगो के या उस अथाह जनसैलाब के जिनके मन मंदिर और आत्मा में न जाने कितनी पीढियों से रचे बसे पड़े है। ये निष्कर्ष हमें और आपको ही मिल के निकलना होगा।

1 comment:

  1. आगे आगे देखिये होता है क्या ?

    ReplyDelete